Nepal PM Resign: KP Sharma Oli ने घातक Gen Z प्रदर्शनों के बीच इस्तीफ़ा दिया, सेना ने शांति की अपील की।

KP Sharma Oli

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नेपाल में दूसरे दिन भी विरोध प्रदर्शन जारी रहे, जबकि सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर से प्रतिबंध हटाने की घोषणा कर दी थी। दूसरे दिन के प्रदर्शनों में 2 और लोगों की मौत हो गई, जिससे कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 22 हो गई।

नेपाल के प्रधानमंत्री KP Sharma Oli ने मंगलवार को इस्तीफ़ा दे दिया, क्योंकि सरकार के सोशल मीडिया बैन को लेकर हो रहे हिंसक प्रदर्शनों ने तेज़ी पकड़ ली थी। उनके सहयोगी Prakash Silwal ने इसकी पुष्टि की। इस्तीफ़ा पत्र में Oli ने लिखा कि वे “समस्या का समाधान निकालने और इसे राजनीतिक रूप से सुलझाने में मदद करने” के लिए पद छोड़ रहे हैं।

सरकार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स से प्रतिबंध हटाने की घोषणा के बावजूद नेपाल में दूसरे दिन भी प्रदर्शन जारी रहे। प्रदर्शनकारियों ने Oli को पद से हटाने और सरकार को भंग करने की मांग की। प्रदर्शनों के दूसरे दिन 2 और लोगों की मौत हो गई, जिससे कुल मृतकों की संख्या बढ़कर 22 हो गई और 300 से ज़्यादा लोग घायल हो गए।

Gen Z प्रदर्शनों के बीच इस्तीफ़ा दिया

इस्तीफ़े से कुछ घंटे पहले ही Oli ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने और संयम बरतने की अपील की थी। उन्होंने संकट का समाधान बातचीत के ज़रिए करने की बात कही। इसके साथ ही उन्होंने शाम 6 बजे सभी दलों की बैठक बुलाने की भी घोषणा की थी। अपने बयान में Oli ने कहा, “किसी भी तरह की हिंसा राष्ट्रीय हित में नहीं है। हमें शांतिपूर्ण बातचीत और चर्चा का रास्ता अपनाना चाहिए।”

सेना सूत्रों के अनुसार, Oli ने पहले नेपाल सेना प्रमुख General Ashok Raj Sigdel से बात की थी और बिगड़ते हालात को संभालने तथा प्रधानमंत्री आवास से सुरक्षित निकलने के लिए सैन्य मदद मांगी थी। सेना प्रमुख ने reportedly उन्हें इस्तीफ़ा देने की सलाह दी, यह कहते हुए कि सेना तभी हालात को स्थिर कर सकती है जब वे सत्ता छोड़ दें। सूत्रों ने पहले यह भी बताया था कि Oli दुबई भागने की योजना बना रहे थे।

एक संयुक्त पत्र में नेपाल के Chief Secretary, सेना प्रमुख, Home Secretary और पुलिस प्रमुख ने चल रहे प्रदर्शनों के दौरान हुई जनहानि और संपत्ति के नुकसान पर दुख व्यक्त किया और नागरिकों से संयम बरतने की अपील की। प्रधानमंत्री का इस्तीफ़ा स्वीकार किए जाने के बाद, देश के शीर्ष अधिकारियों ने राजनीतिक संवाद और शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया, ताकि आगे और खूनखराबा और विनाश को रोका जा सके।

इस बीच काठमांडू में सुरक्षा अभियान तेज़ कर दिए गए। लगभग दर्जनभर हेलीकॉप्टर Bhaisepati ministerial quarters से उड़ान भरकर सरकारी अधिकारियों को Tribhuvan International Airport तक ले गए।

कम से कम 5 सेना के हेलीकॉप्टरों को प्रमुख मंत्रियों को ले जाने के लिए तैनात किया गया। बढ़ते अशांति के बीच बाद में Tribhuvan International Airport को बंद कर दिया गया और सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों ने सोशल मीडिया पर अभियान चलाकर ऑपरेशन्स को बाधित करने के लिए ड्रोन उड़ाने, पटाखे फोड़ने और लेज़र लाइट का इस्तेमाल कर विमानों को परेशान करने की अपील की।

प्रदर्शनकारियों ने वरिष्ठ राजनीतिक नेताओं के घरों और दफ़्तरों को भी निशाना बनाना जारी रखा। मंगलवार को उन्होंने नेपाल की संसद को आग के हवाले कर दिया और प्रधानमंत्री तथा राष्ट्रपति दोनों के निजी आवासों में तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने Singha Durbar पर हमला किया, जहां मंत्रियों के घर और संसद भवन स्थित हैं। इस दौरान कई वीडियो ऑनलाइन सामने आए।

नेपाल संसद की तस्वीरों में देखा गया कि इमारत में आग लगने के बाद वहां से घना धुआं उठ रहा था।

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