रक्षा बंधन कब है 2025 मे आईए जानिए पूरी कहानी.
रक्षा बंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम प्यार और सुरक्षा के वचन का पर्व है। इस वर्ष 2025 में रक्षा बंधन शनिवार, 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन की राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह 5:47 बजे से दोपहर 1:24 बजे तक रहेगा। सबसे अलग बात यह है कि इस साल भरदा काल का कोई प्रभाव नहीं रहेगा, जिससे पूरा दिन शुभ और मंगलमय होगा। खुशी की बात है ये।
रक्षा बंधन असल का अर्थ और भाव किया है जानें
“रक्षा बंधन” का असल शाब्दिक अर्थ है –रक्षा बंधन 2025 । इस दिन बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनसे जीवन भर अपनी सुरक्षा का वचन लेती हैं। और भाई उससे बदले में बहन की रक्षा और सम्मान का प्रण करते हैं। यह सिर्फ धागा नहीं, बल्कि अटूट विश्वास, प्यार और आत्मीयता का चिन्ह है।
रक्षा बंधन पर्व कथाएं
जब आप इतिहास देखोगे तो रक्षा बंधन की जड़ें बहुत प्राचीन मिलेगी। ऋग्वेद और अथर्ववेद जैसे वेदों में भी पूरी तरीके से रक्षा सूत्र का उल्लेख मिलता है। अग्निवेश गृह्यसूत्र (लगभग 300 ईसा पूर्व) में भी इसका विस्तृत वर्णन है। प्राचीन काल में युद्ध से पहले महिलाएँ योद्धाओं की कलाई पर रक्षा सूत्र बाँधती थीं, ताकि वे युद्ध के मैदान से सही सुरक्षित अपने घर तक लौटें।
1. श्रीकृष्ण और द्रौपदी की कथा तो मालूम होगा आपको – महाभारत में जब श्रीकृष्ण की उंगली कट गई, तो द्रौपदी ने अपने आँचल का टुकड़ा बाँध दिया। उसके बदले में कृष्ण ने उनकी रक्षा का वचन दिया और चीरहरण के समय उस वचन को पूर्ण रूप से निभाया।
2. राजा बलि और माता लक्ष्मी की कथाएं– विष्णु भगवान ने असुर राजा बलि के पास वामन अवतार में समय बिताया। लक्ष्मीजी ने बलि को राखी बाँधी और उसे अपना भाई बना लिया। बलि ने उन्हें अपने भाई के घर सम्मानपूर्वक भेजा।
3. इंद्राणी और इंद्रदेव की कहानी– असुरों से युद्ध के समय इंद्राणी ने इंद्रदेव की कलाई पर पवित्र धागा बाँधा, जिससे उन्हें विजय की प्राप्ति हुई
मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास के बारे भी जाने
मध्यकाल में भी यह परंपरा पूर्ण रूप से जारी रही। 16वीं शताब्दी में चित्तौरखीड़ की रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजकर अपने राज्य की रक्षा की प्रार्थना की, और भाई बहन के प्रेम रिश्ते को मजबूत किया जिसे हुमायूं ने सम्मानपूर्वक स्वीकार किया।
1905 में रवींद्रनाथ टैगोर ने बंगाल विभाजन के समय हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक के रूप में रक्षा बंधन का आयोजन किया था। उन्होंने इसे भाईचारे और सामाजिक एकता का पर्व बना दिया। यह पर्व न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करता है, बल्कि समाज में प्रेम, प्यार और विश्वास को बढ़ावा और एकता का संदेश भी देता है। यह दिन हमें यह सिखाता है कि रिश्ते केवल खून के नहीं, बल्कि आत्मीयता और प्रेम के धागे से भी बंधे होते हैं। कई जगहों पर बहनें अपने चचेरे, फुफेरे, ममेरे या यहाँ तक कि दोस्तो को भी राखी बाँधती हैं।और सब एक दूसरे से मिल के बहुत खुश होता है।
आज के दौर में रक्षा बंधन थोड़ा मॉडर्न हो गया है
आधुनिक समय में रक्षा बंधन का स्वरूप थोड़ा बदल गया है। अब डिजिटल युग में बहनें दूर रहने पर ऑनलाइन राखी और गिफ्ट भेजती हैं। वीडियो कॉल और सोशल मीडिया के माध्यम से भी यह त्यौहार को अच्छे से मना लेता है। फिर भी, जब भाई-बहन एक साथ बैठकर राखी बाँधते हैं, मिठाइयाँ खाते हैं और पुरानी यादें ताज़ा करते हैं, तो इसका एक अलग ही खुशी मिलता है।
रक्षा बंधन 2025
मनाने की विधि और तरीके
1. सुबह स्नान करके पवित्र वस्त्र पहनें।
2. पूजा थाली में राखी, रोली, चावल, मिठाई और दीपक रखें।
3. भाई की कलाई पर प्रेम से राखी बाँधें, तिलक करें और मिठाई खिलाएँ।
4. भाई इनाम दें और पूर्ण सुरक्षा का वचन लें, जब बहन को जरूरत पड़े उसके कंधे से कंधा मिला के साथ दे।