UP train accident: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक दुखद ट्रेन दुर्घटना घटी है, जिसमें चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ ट्रेन (संख्या 15904) के चार कोचों के पटरी से उतर जाने की खबर है। यह घटना गुरुवार को दोपहर 2:37 बजे के आसपास हुई। इस दुर्घटना में कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
दुर्घटना का कारण
UP train accident: इस घटना के कारण की जांच अभी जारी है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, पटरी को sabotage (विघटन) का प्रयास किए जाने की आशंका जताई जा रही है। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ट्रेन के ड्राइवर ने दुर्घटना से पहले एक धमाके की आवाज सुनी थी। इस कारण से sabotage की संभावना की जांच की जा रही है।
बचाव और राहत कार्य
रेलवे मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि Up train accident के जो यात्री यात्रा के लायक हैं, उन्हें मंकिनपुर जंक्शन (दुर्घटना स्थल के निकटतम स्टेशन) तक बसों के माध्यम से ले जाया जा रहा है। एक विशेष ट्रेन डिब्रूगढ़ की ओर यात्रा जारी रखेगी।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने UP train accident का संज्ञान लिया है और अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने घायलों के उचित उपचार की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है।
स्थानीय प्रशासन और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी UP train accident वाली जगह पर पहुंच चुके हैं और बचाव कार्य की निगरानी कर रहे हैं। लखनऊ और बलरामपुर से एक-एक NDRF टीम को गोंडा भेजा गया है। राहत कार्य के लिए 5 एंबुलेंस को तैनात किया गया है और और एंबुलेंस भेजे जाने के आदेश दिए गए हैं। घायल लोगों को प्राथमिक उपचार दिया जा रहा है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा है। यूपी के राहत आयुक्त के अनुसार, राहत कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए तीन जिलों से SDRF टीमें भी भेजी गई हैं।
मुख्यमंत्री का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट में कहा, “गोंडा जिले में हुए UP accident का अत्यंत दुःखद है। जिला प्रशासन के अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर करने और घायलों को प्राथमिकता के साथ अस्पताल भेजने का निर्देश दिया गया है। मैं भगवान श्रीराम से घायलों की शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना करता हूँ।”
असम के मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी UP train accident के बाद संबंधित अधिकारियों से संपर्क में होने की बात कही है। उनका कहना है कि उनके राज्य का प्रशासन इस स्थिति में मदद के लिए तैयार है।
पिछली दुर्घटनाएँ और सुधार की आवश्यकता
यह दुर्घटना एक महीने के भीतर दूसरी बड़ी ट्रेन दुर्घटना है। इससे पहले 17 जून को कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई थी। उस दुर्घटना के बाद रेलवे सुरक्षा कमिश्नर ने बताया था कि भारतीय रेलवे की ट्रेन संचालन प्रणाली में सुधार की अत्यंत आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा न हों। उन्होंने कहा था कि स्वचालित सिग्नलिंग प्रणाली की बार-बार खराबी ने इस प्रणाली के उद्देश्य को विफल कर दिया है।
आगे का रास्ता
UP train accident एक बार फिर भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है। अब यह जिम्मेदारी बनती है कि रेलवे प्रशासन और संबंधित अधिकारी इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं। सुरक्षा मानकों की समीक्षा, ट्रैक की नियमित जाँच और कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
इस दुखद घटना के बीच, हमारे विचार और प्रार्थनाएँ उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है और जो घायल हुए हैं। हमें उम्मीद है कि राहत कार्य जल्दी समाप्त होंगे और घायल व्यक्ति शीघ्र स्वस्थ होंगे।
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